मुरैना जिला ( मध्य प्रदेश )
1. चंबल संभाग का मुख्यालय
तथा मुरैना जिला का मुख्यालय मुरैना शहर में है।
2. चंबल नदी के किनारे स्थित मुरैना को महाभारत कालीन नगर होने का गौरव
प्राप्त है।
3. मुरैना, मयूरवन का विकसित रूप है,
इस अंचल में मयूर पक्षियों का बाहुल्य था, इस कारण इसे मयूरवन कहते थे। और इसी कारण इसका नाम
मुरैना पड़ा।
4. जी.आई.पी. रेल्वे लाइन के कारण सन् 1876 में वर्तमान
मुरैना नगर की नींव पड़ी थी।
5. सन् 1904 में ग्वालियर राज्य के सिकरवारी जिले को
तंवरघार जिले में मिला दिया गया और उसका जिला मुख्यालय जौरा अलापुर बनाया।
6. सन् 1937 में तंवरघार जिले का नाम परिवर्तित कर मुरैना
जिला कर दिया गया।
7. 11 फरवरी 1974 को चंबल संभाग के गठित होने पर मुरैना
संभाग मुख्यालय हो गया।
8. 11 वी शताब्दी में मुरैना कछवाह वंश की राजधानी भी
रहा।
9. कछवाहा राजा कीर्तिराज द्वारा निर्मित एक शिवमंदिर का
निर्माण कराया गया जो काकणमठ के नाम से प्रसिद्ध है।
10. मुरैना जिले मे सबलगढ़ किला पहाड़ गढ़ किला आदि प्राचीन
स्थलों के अलावा अनेक धार्मिक और प्राकृतिक स्थल भी दर्शनीय है,
यहीं पर राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण है।
11. मुरैना के बरबई ग्राम में सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी राम
प्रसाद बिस्मिल का पैतृक गॉंव है, जहॉं पर प्रदेश सरकार ने शहीद पार्क बनाकर बिस्मिल
की भव्य प्रतिमा स्थापित की है।
12. लगभग 50 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि वाले मुरैना जिले
में सिंचाई का मुख्य साधन नहरें हैं।
13. जिले से एनएच 3 होकर गुजरता है।
14. कच्ची धानी के सरसो के तेल के लिए प्रसिद्ध मुरैना
जिले में जलापूर्ति मुख्य रूप से चंबल , कुंवारी ,आसम, ओर शंक नदियों द्वारा की जाती है।
15. यहॉं के औधोगिक परिदृश्य के अंतर्गत आधोगिक विकास केन्द्र
बानमोर कैमिकल्स उधोग मुरैना जे.के. इंडस्ट्रीज लिमिटेड आटोमोबाइल नायलोन एंड रेडियल
टायर आदि हैं।
16. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मुरैना प्रदेश का दूसरा
सबसे कम लिंगानुपात (840:1000) वाला जिला है, जबकि 0-6 वर्ष आयु समूह में यह प्रदेश का सबसे कम (929:1000)
लिंगानुपात वाला जिला है।
17. यह प्रदेश दूसरा न्यूनतम (0.9) अनुसूचित जनजाति प्रतिशत
वाला जिला है।
18. चंबल नदी द्वारा किया जाने वाला मृदा अपरदन यहॉं की गंभीर समस्या है।
19. जिला विशेष
मुरैना चंबल संभाग का मुख्यालय तथा मुरैना जिलेका
मुख्यालय है, इसका नाम मोर पक्षियों की बहुलता के कारण मुरैना पड़ा
, यहॉं सर्वाधिक सरसों का उत्पादन करता है। काकण मठ मंदिर के लिए
प्रसिद्ध
20. मुख्य आकर्षक स्थल- सबलगढ़ किला ,
नूराबाद, कुटवार,सिहोनिया , पहाड़गढ़ , लिखीराज गुफाऍं, राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण
, मीतावली स्मारक
21. धार्मिक स्थ्ल - काकणमठ मंदिर ,
मंदिर जैन मंदिर , हरिसिद्धि देवी मंदिर ,
विष्णु मंदिर , योगिनी मंदिर , परसुराम मंदिर मुरैना ,
अलोपीशंकर मंदिर तथा माता बैहरादेवी मंदिर कैलारस , शनि मंदिर आदि।
कुतवार का पुराना किला
मुरैना जिले के कुतवार ग्राम के पश्चिम में आसन नदी
के तट पर इस किले का निर्माण्ा 18 वी शताब्दी में गोहद के जाट राजा राणा छत्रपति
ने कराया था ।
ईटों का बना यह किला ध्वस्त हो चुका है। यहॉं पर हरिसिद्धि माता
का प्रसिद्ध मंदिर है।
सिहोनिया
मुरैना जिले का यह नगर
11 वी सदी में कछवाह वंश की राजधानी रहा । माना जाता है कि कछवाह राजा कीर्तिराज ने
रानी काकनवटी की इच्छानुसार एक शिव मंदिर बनवाया था। जो काकणमठ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध
है। 115 फिट ऊँचा यह मंदिर खजुराहों मंदिर शैली में निर्मित है। यहॉं से सास – बहु
अभिलेख भी प्राप्त हुआ । इसके अलावा सिहोनिया जैन धर्म स्थान के रूप में भी प्रसिद्ध
है। शांतिनाथ , कुंभनाथ, अराहनाथ, आदिनाथ, पाश्र्वनाथ
आदि जैन मंदिर हैं।
राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण
मुख्य रूप से मुरैना
जिले में चंबल नदी पर स्थित राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण की सीमायें, राजस्थान मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश
को छूती है, मुख्य रूप से घडि़यालों के लिए प्रसिद्ध इस अभ्यारण
में मगरमच्छ, डॉल्फिन , ऊदबिलाव तथा अनेक
पक्षी प्रजातियॉं भी पायी जाती हैं, 435 वर्ग कि.मी. में फैले इस अभ्यारण को दर्राह वन्य जीव अभ्यारण भी कहा जाता है।
पहाड़गड़
जिले का ऐतिहासिक स्थल
पहाड़गड़ के लिए आसान नदी तट पर लगभग 10000 ई.पू. के मध्य की 86 गुफाओं में मानवाकृति
घोड़ों हाथी पर सवार तीरों भालों धनुषों से युक्त शैलचित्र देखे जा सकते हैं। इन गुफाओं
में लिखीछाज गुफा सबसे आकर्षक है, कहा जाता है कि पाण्डवों के यहॉं अज्ञातवास में रहे थे।
कैलारस
मुरैना जिले की तहसील
और जनपद पंचायत है, जो शिव तथा कृष्ण मंदिर के अलावा कैलारस शुगर फैक्ट्री के लिए भी जाना जाता
है। यहॉं पर गेल कम्प्रेशन प्लांट भी है।
जौरा
जौरा मुरैना जिले का एक
महत्वपूर्ण नगर है, यहॉं पर करोली सरदारों द्वारा बनवाए गए प्राचीन दुर्ग के ध्वंसावशेष मौजूद
है । यहॉं राजकीय कार्यालय विधालय औषधालय , डाकघर , सराय, नगरपालिका आदि है।
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