इस गेम की वजह से अब तक दुनियाभर में 150 सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं। केरल सरकार ने केंद्र से गेम पर रोक लगाने की मांग की है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी कहा है कि हम भी इस गेम पर बैन लगाने की मांग करेंगे।
टास्क पूरा करने के चक्कर में इंदौर के सातवीं क्लास के स्टू़डेंट ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन कुछ सतर्क विद्यार्थियों ने उसे इस गेम की जानलेवा चुनौती पूरी करने से रोक दिया। इस पूरी कहानी को उसने अपनी डायरी में लिखा है। सुसाइड करना भी ब्लू व्हेल गेम का ही हिस्सा है। स्कूल के सूत्रों के मुताबिक स्कूल में इस स्टूडेंट के कुछ दोस्तों को पता था कि वह इस चुनौती का प्रयास कर रहा था लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया, क्योंकि उनको इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। पुलिस के मुताबिक लड़के के हाथ या कहीं और अपने द्वारा दी गई चोट के निशान नहीं थे। दुनिया भर में यह गेम कई किशोरों की मौत का जिम्मेदार है। 50 दिन तक यह गेम मानसिक रूप से खिलाड़ियों को उत्तेजित करता है और अलग अलग तरह के टास्क देता रहता है, आखिर में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है।
गौरतलब है कि हाल में मुंबई में 14 साल के एक लड़के ने ऑनलाइन गेम ब्लू वेल के लास्ट स्टेप को पूरा करने के लिए सुसाइड कर लिया था। कथित तौर पर ऐसा माना जा रहा है कि यह भारत में व्लू व्हेल गेम के कारण होने वाली पहली मौत थी।
रूस में हुई है इस खूनी खेल की शुरुआत
खूनी ब्लू व्हेल खेल की शुरुआत रूस से हुई है. मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप के जरिए खेले जाने वाले इस खेल में 50 दिन अलग-अलग टास्क मिलते हैं. रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाता है. और टास्क पूरा करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है.
शुक्रवार को देहरादून में भी स्कूल प्रशासन ने पांच बच्चों को गेम में मिले जानलेवा टास्क से बचाया था. मिली जानकारी के अनुसार, दोनों ही मामलों में बच्चों ने 'ब्लू व्हेल' गेम खेला था, जिसमें उन्हें अपने आप को नुकसान पहुंचाने का चैलेंज दिया गया था. अनकन के पिता गोपीनाथ ने बताया कि शनिवार को वह स्कूल से घर आया और कंप्यूटर पर गेम खेलने लगा.
जब उसकी मां ने उसे खाना खाने के लिए बुलाया तो उसने कहा कि वह नहाने के बाद खाना खाएगा. उसके बाद वह बाथरूम चला गया. जब काफी देर तक वह बाथरूम से बाहर नहीं आया तो माता-पिता ने दरवाजा तोड़ दिया. बाथरूम के अंदर का मंजर देख उनके होश उड़ गए. सामने बेटे की लाश पड़ी थी.
अनकन को फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज से पहले ही अनकन दम तोड़ चुका था. अनकन के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि उसने 'ब्लू व्हेल' चैलेंज गेम खेला था. फिलहाल पुलिस केस की छानबीन कर रही है. गौरतलब है कि 'ब्लू व्हेल' गेम अब तक करीब 250 छात्रों की जानें ले चुका है. कई देशों में इस गेम पर प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है.
इससे पहले एक अगस्त को मुंबई के रहने वाले 14 साल के मनप्रीत सिंह ने भी 7वीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी थी. मनप्रीत ने भी 'ब्लू व्हेल' चैलेंज के आखिरी डेयर को पूरा करने के लिए अपने अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से छलांग लगाई थी.
मनप्रीत ने अपने दोस्तों से कहा था कि वो सोमवार को स्कूल नहीं आएगा क्योंकि वो ये गेम खेलेगा. मनप्रीत के माता-पिता का कहना था कि मनप्रीत के अंदर डिप्रेशन के कोई लक्षण नहीं थे
यह इंटरनेट पर खेला जाने वाला गेम है, जो दुनियाभर के कई देशों में उपलब्ध है. इस गेम को खेलने वाले शख्स के सामने कई तरह के चैलेंज रखे जाते हैं. ये सभी चैलेंज 50 दिन के अंदर पूरे करने होते हैं. इसमें अंतिम चैलेंज के रूप में आत्महत्या को रखा गया है. द ब्लू व्हेल गेम को फिलिप बुडेकिन ने साल 2013 में बनाया था. रूस में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में फिलिप को जेल की सजा हो गई. इंटरनेट पर खेले जाने वाले इस गेम में 50 दिन तक रोज एक चैलेंज बताया जाता है. हर चैलेंज को पूरा करने पर हाथ पर एक कट करने के लिए कहा जाता है.चैलेंज पूरे होते-होते आखिर तक हाथ पर व्हेल की आकृति उभरती है. चैलेंज के तहत हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता है. हॉरर वीडियो या फिल्म देखने के लिए चैलेंज है. हाथ की 3 नसों को काटकर उसकी फोटो क्यूरेटर को भेजना भी एक चैलेंज है. ऊंची से ऊंची छत पर जाने को इस गेम में कहा जाता है. व्हेल बनने के लिए तैयार होने पर अपने पैर में 'यस' उकेरना होता है.तैयार होने पर खुद को चाकू से कई बार काटकर सजा देना भी चैलेंज का हिस्सा है. सभी चैलेंज पूरे करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है
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