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मध्य प्रदेश का लखनऊ कहा जाने वाला सिवनी जबलपुर संभाग के अर्न्तगत आता है, जिसका जिला मुख्यालय सिवनी है।
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सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के
रूप में किया गया।
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सिवनी जिले का नाम सिओना
वृक्ष के नाम पर किया गया है, जो जिले
में बहुतायत में पाया जाता है, इसका
उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है।
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जिले की आकृति समुद्री
घोडनुमा है।
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सतपुड़ा पर्वत के उत्तर
दक्षिण में स्थित सिवनी जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्त्रोत है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग 7 पर
स्थित इस सिवनी जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्त्रोत है।
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जिले के राजमार्ग 7 पर
स्थित इस जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है।
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1930 में नमक सत्याग्रह
के समय सिवनी के दुर्गाशंकर मेहता ने गॉंधी चौक पर नमक बनाकर सत्याग्रह किया।
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सिवनी जेल में सुभाषचंद्र
बोस, शरदचंद्र बोस, आचार्य विनोबा भावे, पण्डित द्वारकाप्रसाद जैसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे।
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1857 की क्रान्ति के बाद
मुख्यालय में दीवान साहब का सिवनी ग्राम मंगलीपेठ एवं भैरोगंज ग्राम मिलकर सिवनी
नगर बना।
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सन् 1867 में सिवनी
नगरपालिका का गठन हुआ।
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महुआ का अधिक उत्पादन
होने के कारण सन् 1902 में डिस्लरी का निर्माण हुआ।
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वेनगंगा सिवनी की जीवन
दायिनी नदी का उद्गम इसी जिले से होता है।
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जिला विशेष
नोबेल पुरस्कार विजेता रूडयार्ड
किपलिंग द्वारा ‘ द जंगल बुक ‘ को सिवनी के जंगलों में रहकर लिखी गयी , इसलिए इस
जिले को मोगली लैंड के नाम से भी जाना जाता है।
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मुख्य आकर्षक स्थल
सोना रानी महल , भीमगढ़, संजय सरोवर, पेंच टाइगर
रिजर्ब , अभोदाग
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धार्मिक स्थल
दिगम्बर जैन मंदिर , मॉं वैष्णव देवी जी का मंदिर , सिलादेही , सांई मंदिर नगझर , हनुमान मंदिर , कात्यायनी वि़द्यापीठ बंडोल , मॉं बंजारी देवी जी का मंदिर छपरा , श्री शिवधाम मठघोघरा , मॉं अम्बामाई देवी का मंदिर आमागढ़ , गायत्री मंदिर , राम मंदिर
पेंच राष्ट्रीय उद्यान –
1975 में गठित यह पेंच बाघ राष्ट्रीय
उद्यान कुछ हिस्सा छिंदवाड़ा में भी आता है, लेकिन सिवनी में यह अधिक है, इसे 1980 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया। इसके बीचों बीच में पेंच
नदी बहती है।
लखनादौन
सिवनी
जिले की तहसील और नगरपालिका लखनादौन एनएच 7 पर स्थित है, जो कालीमूंछ चावल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहॉं
पर साठदेव का मेला , रिक्षारिया देव का मेला
तथा रामनगरी मेला भी आयोजित किया जाता है, 1914 मे
इसे तहसील का दर्जा दिया गया, कहा
जाता है लखनादौन को राजा लखनकुंवर ने बसाया था।
मुंडारा
जिले की जीवन
रेखा बेनगंगा नदी का उद्गम गोपालगंज नदी का उद्गम गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी.
पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा से हुआ। यह नदी सिवनी की अर्द्ध परिक्रमा करती हूई
वर्धा नदी में मिल जाती है।
भीमगढ़
सिवनी की
जीवनधारा वेनगंगा नदी पर जिले के छपरा ब्लॉक के अन्तर्गत भीमगढ़ में बना हुआ है, यह एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से निर्मित भीमगढ़ संजय
सरोवर बॉंध है।
ओदगॉंव दुर्ग
ओदगॉंव किले
की स्थापना 18 वी शताब्दी में नागपुर के राघोजी भोंसले के गुरू भी नर्मदा भारती
अथवा खड़ग गोसाई द्वारा मराठा शासनकाल में की गई। इसको भोंसले शासकों द्वारा गॉंवो
की जागीर दी गई थी , खड़ग भारती के नाग सैनिक
यहॉं निवास करते थे। किले में काल भैरव पूर्वाभिमुख मंदिर है।
दलसागर तालाब
सिवनी नगर
के सौन्दर्य का प्रतीक माना जाने वाला दलसागर तालाब शासकीय बस स्टेण्ड से कुछ
दूरी पर है, तालाब राष्ट्रीय
राजमार्ग पर लगभग 50 एकड़ भू क्षेत्र में फैला है, तालाब के किनारे सुन्दर घाट , चौपाटी , स्वच्छ परिसर व हरियाली है।
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