"विटामिन की खोज हापकिन्स नामक वैज्ञानिक ने की थी जबकि
विटामिन शब्द का प्रयोग फंक ने किया "
2. विटामिन से किसी भी प्रकार की ऊर्जा नहीं मिलती है।
3. विटामिन की कमी से होने वाले रोगों को ‘अभाव
रोग’ कहते हैं।
4. विटामिन का मुख्य कार्य मानव शरीर में होने वाली
जैविक व उपापचयी को नियंत्रित करता है।
जल में घुलनशील विटामिन – B, C
वसा में घुलनशील विटामिन- K, E, D, A
1. विटामिन C -
विटामिन C का रासायनिक नाम - ‘एस्कार्बिक अम्ल‘
कमी से होने वाले रोग – स्कर्वी व शीवाद (दांतो व मसूड़ो को पभावित )
स्त्रोत – सिटरस(खट्टे फलों में)
ऑंवला , नीबू , संतरा , नारंगी , अमरूद , सेब , हरी
मिर्च
·
घाव भरने वाला विटामिन
·
विटामिन को गर्म करने पर नष्ट हो जाता है, इसलिए इसे ऊष्मा
संवेदी विटामिन भी कहते हैं।
·
सब्जियों को छीलने पर धोने से विटामिन नष्ट
होता है।
·
ज्यादा एल्कोहल या शराब के सेवन करने पर
विटामिन की कमी हो जाती है।
·
ये दूध व मॉंस से नहीं मिलता
(अपवाद – विटामिन ऊँटनी का दूध में पाया
जाता है।)
नोट: दूध को प्राय सम्पूर्ण भोजन नहीं
मानते हैं क्योंकि दूध विटामिन सी और आयरन नहीं पाया जाता है, खाना पकाने में
विटामिन सी नष्ट होता है, क्योंकि इसकी ताप सहन शीलता न्यूनतम होती है।
2. विटामिन B -
विटामिन B का रासायनिक नाम – थायमिन
कमी से होने वाले रोग – बेरी-बेरी
सर्वाधिक मात्रा में मटर के दाने व सेम की
फली से प्राप्त होती है।
विटामिन B1 - राइबोफ्लोरिन
1. वृद्धि विटामिन / पीला विटामिन
2. गाय के दूध का हल्का पीला रंग – केरोटिन
रोग – कीलोसिस (होठ व जीभ कट जाते हैं)
विटामिन B3 - नियासिन / निकोटेनामाइड
रोग – पेलेग्रा
विटामिन B5 - पेन्टोथेनिक अम्ल
रोग – बालों का सफेद , डायरिया , डिमेशन (याददास्त कम हो जाना )
विटामिन B6 - पाइरीडॉक्सिन
रोग – रक्त अल्पता
, एनीमिया
विटामिन B7 - बायोटिन
रोग – बालों का झड़ना
या गिरना
विटामिन B9 - फॉलिक अम्ल
रोग – RBC की संख्या को बड़ाता है।
जिससे 'मैग्लोब्लास्टिक
एनीमिया रोग हो जाता है।
विटामिन B12 - सायनोकाबालामिन
रोग – पांडुरोग , पनिसिशियम , एनीमिया
RBC को परिपक्व बनाता है।
वसा में घुलनशील विटामिन
1. विटामिन A -
रासायनिक नाम रेटिनॉल या संक्रमण रोधी विटामिन
स्त्रोत – गाजर,आम,यकृत ,मॉंस , दूध , कीट
मछली का यकृत तेल , काली मिर्च , लाल मिर्च
रोग – रतौंधी या निबटोलोपिया या
जीरोप्थैलमिया
यह विटामिन श्वसन तन्त्र की उपकला या झिल्ली की संक्रमण से बचता है, इसलिए
इस संक्रमण रोगी विटामिन या एन्टीइन्फेक्सन विटामिन कहते हैं।
नोट: कीट मछली का यकृत तेल विटामिन ए का
भरपूर स्त्रोत होता है, जबकि मछलियों का यकृत तेल विटामिन डी का भरपूर
स्त्रोत होता है।
2. विटामिन D -
रासायनिक नाम –
कैल्सिफेराल या धूपकारी या सनसाइन विटामिन
स्त्रोत – सूर्य की धूप , यकृत , दूध , मॉंस
रोग – सूखा रोग (रिकेट्स) –बच्चों
में
ऑस्टियोमलेरिया – वयस्कों
में
·
सबसे तेज गति से बनने वाला विटामिन है।
·
यह विटामिन सूर्य की पराबैंगनी किरणो से त्वचा के द्वारा स्वत: ही निर्मित किया जाता
है।
·
यह एकमात्र
विटामिन है, जो हार्मोन की तरह कार्य करता है।
·
हडि्डयों
के निर्माण में सहायक है।
3. विटामिन E -
टोकोफेरॉल सौंदर्य जनक विटामिन
या घन्घयता रोधी या जनक विटामिन
स्त्रोत – सोयाबीन, सूखे मेवों, किशमिश , वनस्पति तेल जैतून , अंकुरित अनाज
·
सौन्दर्य पसाधनो में विटामिन ई की जगह सिलेनियम तत्व
का उपयोग करते है।
·
विटामिन ई पुरूषों में शुक्राणु के विकास और संख्या
को बढ़ाता है, जबकि महिलाओं में अण्डे के निर्माण और परिवर्तन को प्रेरित करता है।
·
विटामिन ई सर्वश्रेष्ठ एण्टी ऑक्टीडेन्ट (प्रति
आक्सीकारक) है।
·
विटामिन की कमी से पुरूषों में नपुंसकता और महिलाओं
में बांझपन होता है।
4. विटामिन K -
फिलोक्विनॉन या नेफ्योक्विनान या एन्टी हीमोफिलिक विटामिन या रक्त स्कन्दक
स्त्रोत- हरे पत्तेदार सब्जियॉं , टमाटर , दूध आदि
रोग – हीमोफीलिया ,आनुवांशिक रोग ,शाही रोग
·
विटामिन के का निर्माण शरीर में बड़ी आंत के कॉलन
भाग में इकोलाई जीवाणु के द्वारा किया जाता
है।
·
हरे पत्तेदार सब्जियों में विटामिन के सर्वाधिक होता
है।
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जिन व्यक्तियों में विटामिन के की कमी होती है, उनका तुरंत आपरेशन नहीं
करते हैं।
·
इसकी कमी से रक्त का थक्का नहीं बनता है।
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