Tuesday, July 25, 2017

UPSC Mains 2017: भारत के लिए इजराइल महत्वपूर्ण क्यों..?


UPSC Mains 2017:
भारत के लिए इजराइल महत्वपूर्ण क्यों..?

 प्रधानमंत्री मोदी, चीन समेत 56 देशों की विदेश यात्रा कर चुके हैं, जहां उन्होंने भारत की कूटनीतिक सफलता का झंडा बुलंद किया है 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा ने दोनों मुल्कों के बीच कूटनीति का नया इतिहास रचा है. दुनिया के एक मात्र यहूदी देश ने इस दोस्ती को जिस गर्मजोशी से लिया है वो मील का पत्थर साबित होगी. इजराइल भारत का सबसे पुराना मित्र रहा है. लेकिन 70 सालों तक संबंधों पर बर्फ जमीं थी. मोदी ने इस बर्फ को साफ कर स्थिति को पारदर्शी बना दिया है.इतने वफादार मित्र से कूटनीतिक दूरी बनाएं रखना हमारी अदूरदर्शिता का सबसे बड़ा उदाहरण साबित हुआ है. भारत की बढ़ती उपलब्धि से चीन और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर आतंकवाद और सीमा विवाद के मसले पर, जिस तरह से घेरने की रणनीति बनाई है, उस स्थिति में यह दोस्ती और इजराइल के बीच हुए सात समझौते बेहद कामयाब होंगे.

कांग्रेस और दूसरी सरकारों ने वैश्विक संबंधों के लिहाज से यह दूरी बनाकर बड़ी भूल की थी. यह बात भारत के लोगों को मोदी के दौरे के बाद समझ में आ रही है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने स्वागत भाषण से सिर्फ भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि पूरे भारतीय समुदाय का दिल जीत लिया. अपने भाषण में उन्होंने कहा था- आपका स्वागत है मेरे दोस्त.इस संबोधन में बेहद गहराई छुपी है.

नेतन्याहू का संबोधन सिर्फ औपचारिक नहीं था उसमें शालीनता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संस्कार की झलक साफ दिख रही थी. इस उदारता से यह साबित हो गया कि भारत और इजराइल के संबंध आने वाले वक्त में दुनिया को एक संदेश देने में कामयाब होंगे. यह बात इजराइली पीएम ने अपने संबोधन में कही भी है. उन्होंने कहा कि- हम दोनों दुनिया बदल सकते हैं, हमारी दोस्ती स्वर्ग में बनी है

वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती कूटनीतिक सफलता से चीन और पाकिस्तान जल-भून गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी, चीन समेत 56 देशों की विदेश यात्रा कर चुके हैं, जहां उन्होंने भारत की कूटनीतिक सफलता का झंडा बुलंद किया है. इसी कूटनीतिक सफलता का परिणाम है कि अमेरिका ने पाकिस्तान की गोद में पल रहे सैयद सलाउद्दीन को आतंकी घोषित किया है. जबकि हाफिज सईद पर चीन हर बार अपने वीटो का प्रयोग कर पाकिस्तान के लिए ढाल बन जाता है.

बिना किसी यु़द्ध के भारत ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को नंगा कर दिया. दुनिया को हम यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि भारत युद्ध नहीं बुद्धके सिद्धांत में विश्वास रखता है. आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता. वह पीड़ा अगर भारत को झेलनी पड़ रही है तो इजराइल भी इससे अछूता नहीं है. आतंक का दर्द मासूम मोशे से अच्छा भला कौन समझ सकता है. वैश्विक स्तर पर बढ़ते इस्लामिक आतंकवाद के खतरे से पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी है. जेहाद के नाम पर इस्लामिक मुल्कों में जिस तरह का तांडव हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं है. यही वजह है कि आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत के साथ कई मुल्क खड़े हो गए हैं. जिसकी वजह से पाकिस्तान और चीन बौखलाया है.

चीन भारत की तरफ से की जा रही कूटनीतिक घेरे बंदी से घबरा गया है. जिसके कारण ही उसने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित किया फिर दोकलम पर विवाद खड़ा किया. अब दोकलम पर भारत को दावा छोड़ने की धमकी दे रहा है. क्योंकि भारत अमेरिका और इजराइल की त्रिकोणात्मक दोस्ती से उसकी जमीन हिल गयी है. वह चाहकर भी भारत का कुछ नहीं उखाड़ सकता. क्योंकि एशिया में उसकी दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए भारत उसके लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है.

दुनिया में सैन्य तकनीक के मामले में इजराइल जैसी तकनीक किसी के पास नहीं है. कारगिल युद्ध के दौरान भारत को जिस तरह इजराइल ने आधुनिक सैन्य मदद पहुंचायी थी उसे भारत कभी भूल नहीं सकता. अमेरिका और रुस जैसे देशों ने जब लेजर बम देने से मना कर दिया था, उस वक्त इजराइल हमारे साथ खड़ा था. उसने लेजर बम के साथ बोफोर्स तोपों के लिए गोले उपलब्ध कराए. जिसकी वजह रही की 1999 में कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर भारत ने तिरंगा लहराया और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी.
चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए इजराइल के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता समय की मांग थी. 

राजनैतिक और कूटनीतिक लिहाज से भारत फिलिस्तीन को अधिक तरजीह देता रहा है. लेकिन उससे क्या हासिल हुआ, इसका कोई जवाब हमारे पास नहीं है. सिर्फ अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और अरब देशों को खुश रखने के लिए इजराइल से दूरी बनाई गई. इसके बावजूद भारत आतंकवाद का दंश झेल रहा है. लेकिन मोदीके इजराइल दोरे से भारत को न केवल कूटनीतिक सफलता प्राप्त हुई हैं बल्कि हमने पाकिस्तान और चीन की करतूते को वैश्विक स्तर
पर रखने में भी कामयाबी प्राप्त हुई हैं ।

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