Tuesday, August 1, 2017

जोसेफ प्रिस्टले (1अगस्त 1774)


जोसेफ प्रिस्टले (1अगस्त  1774)

ऑक्सीजन की खोज का श्रेय प्राय: दो व्यक्तियों को संयुक्त रूप से दिया जाता है - कार्ल विल्हेल्म शीले और जोसेफ प्रिस्टले। वैसे अन्य साहित्य पढ़कर तो लगता है कि ऑक्सीजन की खोज इन दोनों से सदियों पहले की जा चुकी थी।


अंग्रेज वैज्ञानिक और पादरी जोसेफ प्रिस्टली ने सन 1774 में ऑक्सीजन की खोज की थी। प्रिस्टली ने इसके अलावा कई अन्य गैसो, जैसे नाइट्रस ऑक्साइड (हंसाने वाली गैस) और अमोनिया का भी अविष्कार किया था। उन्होने कार्बन डाई ऑक्साइड का अध्ययन किया और कार्बनिकृत (द्रव) जल का अविष्कार किया।

ऑक्सीजन


ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे. प्रीस्टले और सी. डब्ल्यू. शेले ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह एक रासायनिक तत्त्व है। सन् १७७२ ई. में कार्ल शीले ने पोटैशियम नाइट्रेट को गर्म करके आक्सीजन गैस तैयार किया, लेकिन उनका यह कार्य सन् १७७७ ई. में प्रकाशित हुआ। सन् १७७४ ई. में जोसेफ प्रिस्टले ने मर्क्युरिक-आक्साइड को गर्म करके ऑक्सीजन गैस तैयार किया। एन्टोनी लैवोइजियर ने इस गैस के गुणों का वर्णन किया तथा इसका नाम आक्सीजन रखा, जिसका अर्थ है - 'अम्ल उत्पादक'।

निर्माण
हॉफमान के वोल्टामीटर में जल के विद्युत अपघटन से हाइद्रोजन और आक्सीजन उत्पन्न होतीं हैं।



प्रिस्टले ने जो ‘वायु’ बनाई थी वह ऑक्सीजन थी। मगर उनका मानना था कि उन्होंने फ्लॉजिस्टन-रहित वायु बनाई है। चूँकि इसमें फ्लॉजिस्टन नहीं है, इसलिए यह जलने में ज़्यादा मदद करती है। फ्लॉजिस्टन-रहित होने के कारण यह वायु जलती वस्तु में से निकलते फ्लॉजिस्टन को ज़्यादा मात्रा में घोल पाती है।
तो ऑक्सीजन की खोज किसने की थी?

‌शीले ने अपने प्रयोग पहले (1772 में) किए थे मगर उनके परिणाम प्रकाशित करने में ढिलाई बरती।
‌प्रिस्टले ने प्रयोग तो दो वर्ष बाद (1774 में) किए थे मगर प्रकाशन पहले कर दिया था।

      तो इन दोनों में से किसे श्रेय दिया जाए? दरअसल, ऑक्सीजन को एक तत्व के रूप में पहचानने का काम तो इन दोनों में से किसी ने भी नहीं किया था। ये तो इसे ‘फ्लॉजिस्टन-रहित वायु’ ही मानते थे।

‌ आस्‍ट्रेलिया के पिबारा चट्टानों के नमूनों की सहायता से वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि वायुमंडलीय आक्सीजन करीब 2.48 अरब साल पहले आस्तित्व में आया। अनुसंधान दल के अगुवा प्रो. मार्क बार्ली का कहना है कि उनकी खोज का आधार चट्टान के नमूनें हैं।

‌अमेरिका और यूरोप के कुछ वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में जीवन का आधार मानी जाने वाली आक्सीजन गैस के मौजूद होने का दावा किया है। एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी को हर्शल दूरबीन की मदद से अंतरिक्ष के निर्जीव माहौल में ऑक्सीजन गैस के अणु होने का प्रमाण मिला है।


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